नई दिल्ली.
अंतरिक्ष में बड़ी आंधी उठने वाली है। अमेरिकी वैज्ञानिकों ने चेतावनी जारी की है कि यह बड़ा सौर तूफान पृथ्वी से टकराने वाला है। ऐसे में इस बात को भी समझने की आवश्यक्ता है कि यह भारत को कितना प्रभावित करेगा। नासा के वैज्ञानिकों का कहना है कि यह इलेक्ट्रॉनिक संचार को प्रभावित कर सकता है। आपको बता दें कि सौर तूफान, कणों, ऊर्जा, चुंबकीय क्षेत्रों और सामग्री का अचानक विस्फोट है जो सूर्य के कारण सौर मंडल में विस्फोट होता है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, आने वाला सौर तूफान दूरसंचार और उपग्रहों को बाधित कर सकता है। भारतीय वैज्ञानिक इस पर नजर बनाए हुए हैं। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के विशेषज्ञों ने कहा कि उन्होंने भारतीय उपग्रह ऑपरेटरों को सभी एहतियात बरतने के लिए सूचित किया है। अगले कुछ दिन पृथ्वी के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि तूफान नीले ग्रह की ओर बढ़ रहा है।
भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान की डायरेक्टर डॉ. सुब्रमण्यन ने कहा, "कुछ दिन पहले सौर उर्जा भड़क उठी थी। वह मई में हुई भड़क के समान ही शक्तिशाली है। इसलिए हम मैग्नेटोस्फीयर में किसी तरह के हस्तक्षेप की उम्मीद करेंगे। लेकिन हम इंतजार करना और देखना चाहेंगे क्योंकि पृथ्वी से टकराने में कुछ दिन लगते हैं। हम आज रात या कल रात कुछ करने की उम्मीद करते हैं ताकि पता चल सके कि कुछ हो रहा है या नहीं।" डॉ. सुब्रमण्यन ने कहा, "भविष्यवाणियां हैं कि ऐसा हो सकता है या नहीं भी हो सकता है, हमें इंतजार करना होगा और देखना होगा।"
मई में आए शक्तिशाली सौर तूफान ने उत्तरी गोलार्ध में ऑरोरा डिस्प्ले का निर्माण किया। जब यह तूफान पृथ्वी की ओर आता है तो पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र में एक बड़ी गड़बड़ी पैदा कर सकता है। इसे भू-चुंबकीय तूफान कहा जाता है। यह रेडियो ब्लैकआउट, बिजली की कटौती और ऑरोरा जैसे प्रभाव पैदा कर सकता है। हालांकि वे पृथ्वी पर किसी को भी सीधे नुकसान नहीं पहुंचाते हैं, क्योंकि ग्रह का चुंबकीय क्षेत्र और वायुमंडल हमें इन तूफानों से सबसे खराब होने से बचाता है।
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